तेज़ हवाएँ चल रहीं कमज़ोर पत्तियाँ शाख़ से टूट रहीं, सब अस्त्वयस्त हो रहा हर तरफ़ तूफ़ान पर फैला रहा मंज़र बर्बादी का ला रहा, पक्षियों को उड़ना कहाँ पता नहीं पशुओं […]
इम्तिहान है ये ज़िंदगी हर पल
इम्तिहान है ये ज़िंदगी हर पल, कभी पास कभी फ़ेल, हम भी यूँही चल रहे हैं हर क़दम, कभी पास कभी फ़ेल, खुदा मिले तो ये पूछूँगा में की क्या कोई […]
तुम भी ढूँढो
भटकते हैं लोग करने सपने को साकार, कोई बेचता ख़ुद को कोई निकल पड़ता बेचने खुदा का आकार, अज्ञानतावश भूल मर्यादा और जड़ों को अपनी, बस चल पड़ते हैं खोज में पता नहीं किसकी […]